क्या आप भी देखते हैं पॉर्न और ब्लू फिल्म ?
पॉर्न या ब्लू फिल्म देखना आज कल एक आम बात हो गयी है। तकनीक के माध्यम से पॉर्न वीडियो और गेम्स जैसी चीज़ें हर आयु और वर्ग के बीच पहुँच चुकी है। क्या पॉर्न वीडियो देखना आज कल के युवाओं में बढ़ती सेक्स समस्या का कारण हो सकता है? क्या अधिक मात्रा में ब्लू फिल्मों को देखने से नपुंसकता आती है? शीघ्र स्खलन की समस्या आती है? आईये आज के इस लेख में इसी समस्या के पहलुओं पर चर्चा करते हैं।
पॉर्न देखना कई लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। हालांकि कुछ लोग इसे सामान्य मनोरंजन के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके मानसिक प्रभावों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। अक्सर आजकल के युवा और बच्चे पॉर्न के प्रति आकर्षित होते हैं। युवावस्था में विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण एक सामान्य बात है जिसके कारण पॉर्न के प्रति आकर्षण तो पैदा होगा ही। लेकिन वहीँ दूसरी ओर पॉर्न देखने से हमारे मन मष्तिष्क पर क्या असर पड़ता है इसके बारे में जानना भी ज़रूरी है।
पॉर्न यानि ब्लू फिल्म का मानसिक प्रभाव
पोर्न देखने से मानसिक स्वास्थ्य पर कई प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं। पहले तो, यह एक प्रकार की मनोबल की दृष्टि से कमजोरी पैदा कर सकता है, क्योंकि यह वासनाओं को बढ़ावा देने का काम कर सकता है जिससे असली जीवन में रुचि कम हो सकती है।
ज्यादातर पॉर्न फ़िल्में शूटिंग के माध्यम से बढ़ा चढ़ा कर दिखाई जाती हैं जिसका वास्तविक्ता से सम्बन्ध नहीं होता। पॉर्न में दिखाए जाने वाले लोग कलाकार होते हैं जिनका डील डौल और प्रतिक्रियाएं देखने वाले दर्शकों को मोहने के अंदाज़ में होती हैं। इसलिए पॉर्न देखकर मन में यह गलत भावना उत्त्पन्न होती है के वास्तविक जीवन में भी आपका साथी वैसा ही होगा। यह भ्रम पॉर्न देखने वाले के मन में घर कर जाता है और उसे पता भी नहीं चलता और वे सही और स्वस्थ संबंध नहीं बना पाते।
इसके बेहद व्यक्तिगत और गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, आत्म–समर्पण की कमी, और मानसिक समस्याएं। पोर्न देखने से व्यक्ति का व्यक्तिगत और पेशेवर विकास पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि यह उन्हें असली जीवन की बजाय निरंतर वासनाओं की ओर खींच सकता है।
पोर्न देखने पर शरीर में हार्मोन की प्रक्रिया
पोर्न देखने का असर न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर होता है, बल्कि यह शरीर के आंतरिक हार्मोन की प्रक्रिया पर भी प्रभाव डाल सकता है। हारमोन्स वे रसायनिक पदार्थ होते हैं जो शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
पोर्न देखने से उत्पन्न होने वाले उत्तेजना और उत्साह के कारण, शरीर में एक स्रावित शृंगारिक हार्मोन जिसे टेस्टोस्टेरोन कहा जाता है, में वृद्धि होती है। यह हारमोन शरीर के उत्तेजनाओं को नियंत्रित करता है और सेक्सुअल स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है।
वासना परिप्रेक्ष्य में, जब व्यक्ति पोर्न देखता है, तो उसके शरीर में डोपामाइन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है। यह हार्मोन आनंद के अहसास को बढ़ावा देता है और उत्तेजना को बढ़ावा देने में मदद करता है।
डोपामीन हार्मोन एक महत्वपूर्ण रसायनिक पदार्थ है जो मानसिक और शारीरिक स्थितियों को नियंत्रित करता है। यह उत्तेजना, आनंद और प्रेरणा की भावना को नियंत्रित करने में मदद करता है।
डोपामीन का उत्पन्न होना शरीर की खुदाईद खोपड़ी के भीतर कुछ क्षेत्रों में होता है, जिन्हें न्यूरॉन्स कहा जाता है। ये न्यूरॉन्स एक विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से डोपामीन को उत्पन्न करते हैं, जिसे डोपामिन सिंथेसिस कहा जाता है।
डोपामीन का उत्पन्न होना विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है, जैसे कि सेक्स, भोजन, कामयाबी, आदि। जब ये कारण व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत बनते हैं, तो डोपामीन का उत्पन्न होना शुरू होता है।
इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को आनंद की भावना होती है और उन्हें उत्तेजना और प्रेरणा की भावना मिलती है। हालांकि, यदि ये प्रक्रिया अत्यधिक हो, तो यह डोपामीन संतुलन को प्रभावित कर सकती है और विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि उत्तेजनावशेष, मानसिक बीमारियाँ, आदि।
क्या अधिक पॉर्न देखने से नपुंसकता आती है ?
जी हां, अधिक मात्रा में पोर्न देखने का मानसिक नपुंसकता या यौन नपुंसकता के साथ संबंध हो सकता है। पोर्न देखने से होने वाले उत्तेजना का अत्यधिक मात्रा में होना, समय–समय पर सहायक यौन इच्छाओं के लिए स्वाभाविक हो सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में यह सार्वजनिक जीवन और संबंधों में तंत्रिकाओं को प्रभावित कर सकता है।
यह अधिक मात्रा में पोर्न देखने से नपुंसकता का कारण बन सकता है क्योंकि यह मानसिक तबादला कर सकता है और व्यक्ति को वासनाओं की ओर खींच सकता है, जिससे असली जीवन में संबंध बनाने में समस्याएँ हो सकती हैं। यह व्यक्ति के आत्मविश्वास, सामाजिक संबंध और सेक्सुअल स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
नपुंसकता के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि तनाव, मानसिक बीमारियाँ, और सेक्सुअल स्वास्थ्य की समस्याएँ। यदि किसी को लगता है कि उनकी यौन स्वास्थ्य में समस्या हो रही है, तो वे एक विशेषज्ञ से सलाह प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।